एनआईटी रायपुर में हुआ “वैल्यू एजुकेशन और मेंटल हेल्थ” सेमीनार का आयोजन

रायपुर,जनता तक खबर/ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के उपलक्ष्य में दो-दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया| वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे हर वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है | सेमिनार की थीम “वैल्यू एजुकेशन और मेंटल हेल्थ” रही | कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थय के प्रति जागरूक करना तथा तनाव और अवसाद से बाहर निकलने के समाधान से परिचित कराना था| सेमिनार का आयोजन मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा किया गया. वैल्यू एजुकेशन की फैकल्टी डॉ. हीना चावड़ा कार्यक्रम की समन्वयक रही| तनाव मुक्त जीवन, स्वस्थ और शांत मष्तिष्क के बारे में बताने के लिए मध्यस्थ दर्शन के विद्वान श्री सुरेन्द्र पाल और श्री श्रीराम नरसिम्हन मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे |

सेमिनार के पहले दिन, मानविकी विभागध्यक्ष डॉ. अनूप तिवारी ने अतिथियों का सम्मान एवं स्वागत किया| इसके बाद विद्यार्थियों द्वारा बनाई गयी “वैल्यू एजुकेशन की छात्र जीवन में महत्वता” पर आधारित एक शोर्टफिल्म दिखाई गयी| इसी क्रम में श्री सुरेन्द्र पाल के द्वारा “मानव जीवन में भावनात्मक संघर्ष और उपाय” विषय पर संबंधित व्याख्यान दिया गया| उन्होंने मानव की परिभाषा- “मनाकार को साकार करने वाला मनः स्वस्थता आशावादी की मानव संज्ञा है”| इसमे मनः स्वस्थता नहीं होना ही मानसिक समस्या का कारण है. मनः स्वस्थता कैसे हो समझाया. इसके बाद छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे और श्री सुरेन्द्र जी द्वारा उनके समाधान दिए गये| इस सेमिनार की समन्वयक अध्यापिका मूल्य शिक्षा एवं मनोवैज्ञानिक सलाहकार डॉ. हिना चावड़ा ने बताया की यहाँ संस्थान में विद्यार्थियों को “मध्यस्थ दर्शन आधारित चेतना विकास मूल्य शिक्षा” ज्ञान दिया जा रहा हैं एवं यह ज्ञान कैसे विद्यार्थियों को हमेशा मानसिक रूप से स्वस्थ खुशहाल रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा हैं. अपने वक्तव्य में बताया की मूल्य शिक्षा की क्लास मानव का अध्ययन कराती हैं| मानव का अध्ययन मानसिक रुप से सदैव स्वस्थ रहने मे मदद करती है

दूसरे दिन सेमिनार की शुरुआत, डॉ. अनूप तिवारी के भाषण के साथ हुई, जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों के जीवन में अनुशासन की भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही मानसिक रूप से स्वस्थ रहने हेतु अपने विचार साझा किए | इसके बाद वक्ता डॉ. श्रीराम नरसिम्हन ने “कैरियर और अकादमिक से अलग जिंदगी” पर अपने विचारों के माध्यम से विद्यार्थियों को समझाया| उन्होंने छात्रों को हमेशा तनाव मुक्त और खुश रहने के लिए प्रेरित किया| उन्होंने बताया हमारे जीवन मे सुविधाओं के साथ-साथ परिवार मे आपसी सही समझ होना भी जरूरी है.

इस कार्यक्रम के दौरान हेड, करियर डिवेलपमेंट सेंटर, डॉ समीर बाजपाई, प्रोफेसर, मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, डॉ. एस सान्याल, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. शिरीष वी देव, विभागाध्यक्ष, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, डॉ अनुप तिवारी, डॉ चेतना शर्मा, डॉ मंजू शुक्ला, श्री सूरज निषाद, शिखा मातुलकर उपस्थित रहे एवं असिस्टेंट रजिस्ट्रार, परीक्षा प्रकोष्ठ, श्री रविकांत वर्मा, संकाय सदस्य, पी एच डी छात्र और विद्यार्थी मौजूद रहे| सेमिनार का समापन डॉ. हीना चावड़ा द्वारा दिए गये धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ|

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