पापमोचिनी एकादशी है आज, जानें शुभ मुहूर्त,और पूजन विधि..

रायपुर,जनता तक खबर/भारत में हिन्दू मान्यतानुसार हर महीने में दो एकादशियां होती है। एक कृष्ण पक्ष की और एक शुक्ल पक्ष की। सभी एकादशियों का अपना-अपना महत्व है। किन्तु चैत्र माह की एकादशी अन्य सभी एकदाशियों से प्रमुख और उत्तम मानी गई है क्योंकि यह एकादशी मनुष्यों को उनके पापों से मुक्त कराती है। इसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। उत्तर भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार पापमोचनी एकादशी चैत्र माह की कृष्ण पक्ष के 11वें दिन होती है यह सभी 24 एकादशियों में से आखिरी एकादशी होती है।

किन्तु दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन होती है। दिलचस्प बात यह है कि पापमोचनी एकदाशी दोनों कैलेंडर के अनुसार एक ही दिन यानि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के 11 वें दिन मनाई जाती है। बस दक्षिण भारत में उसे फाल्गुन माह मानते हैं और उत्तर भारत में चैत्र माह मानते हैं। पापमोचनी एकदशी का अर्थ इसके नाम से ही ज्ञात होता है। यह दो शब्दों से मिलकर बनी है। ‘पाप’ यानी की दुष्ट कर्म, गलती और ‘मोचनी’ यानी मुक्ति, छुड़ाने वाली। अर्थात पापमोचनी एकादशी का मूल अर्थ हुआ हर तरह के पाप से मुक्ति दिलाने वाली। इस दिन व्रत करने से सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से बड़े से बड़ा पाप, कष्ट, विपदा नष्ट हो जाती है। इस व्रत में भी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा
पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा में, एक प्राचीन काल की बात है जब चैत्ररथ नामक वन में ऋषि मेधावी तपस्या कर रहे थे। उनके तप को देखकर इंद्र देव को भय होने लगा कि कहीं ऋषि उनसे अपना राज्य न मांग लें। इसलिए, इंद्र देव ने अप्सरा मंजूघोषा को भेजकर ऋषि का तप भंग करवाया। मंजूघोषा के नृत्य से ऋषि मेधावी प्रभावित हो गए और उनके साथ भोग-विलास में रहने लगे। इस प्रकार, वे अपने तप का ध्यान भूल गए।

जब 57 साल बीत गए, तब मंजूघोषा को लगा कि उनका काम पूरा हो गया है और उन्हें स्वर्गलोक जाना चाहिए। लेकिन ऋषि मेधावी ने उन्हें श्राप दिया कि वे पिशाचनी बनेंगी। इसके बाद, उन्होंने पापमोचनी एकादशी का व्रत किया और अपने पापों से मुक्ति प्राप्त की। उन्होंने फिर से तपस्या की और मंजूघोषा को पिशाचनी यौनी से मुक्ति दिलाई।

इस कथा से यह सिद्ध होता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है।

पापमोचनी एकादशी की पूजा विधि
पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि बहुत ही साधारण है। इस व्रत में पहले तो स्नान करना चाहिए, जिससे शुद्धि मिले। फिर इस व्रत के दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा में तुलसी के पत्ते, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, गंगाजल, और अपनी पसंदीदा परिस्थितियों के अनुसार अन्य प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

साथ ही, भगवान विष्णु की कथा और आरती भी करनी चाहिए। विशेष रूप से इस दिन की रात्रि में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस रात्रि को सावधानी से बिताना चाहिए और भगवान के नाम का जाप करते हुए जागरण करना चाहिए।

पापमोचनी एकादशी व्रत को करने से पापों का नाश होता है और व्रती को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत भक्ति और शुद्धि का संदेश देता है, और साधक को स्वयं को भगवान के समीप और पवित्र स्थान पहुंचाता है।

पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व और लाभ
पापमोचिनी एकादशी का व्रत आरोग्य, संतान प्राप्ति और प्रायश्चित के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से सभी प्रकार की मानसिक समस्या दूर हो जाती है। ये व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस बार पापमोचनी एकादशी व्रत शनिवार, 5 मार्च को रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी में क्या करना चाहिए
पाप का अर्थ है पाप और मोचनी का अर्थ है पाप हटाने वाला। पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन, भक्त विष्णु पूजा और उपवास करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, उपवास करने से अनुयायियों को शांत जीवन जीने और पिछली गलतियों के पछतावे से उबरने में मदद मिलती है।

पापमोचनी एकादशी में क्या खाना चाहिए
एकादशी के दिन गंध युक्त चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह काम भाव बढ़ाने तथा शरीर और मन की अशुद्धता को बढ़ाता है।
इस दिन लहसुन, प्याज की तरह ही मसूर की दाल, गाजर, शलजम, गोभी, पालक आदि चीजों के सेवन से परहेज करें।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129