एमसीबी : डबरी से सिंचाई की सुविधा पाकर वनवासी रामप्यारे के सूखे खेतों में आई हरियाली

एमसीबी,जनता तक खबर/ 05 सितंबर 2024,जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पिपरिया की भौगोलिक स्थिति वनांचल जैसी ही है। यहां पानी बरसता तो बहुत है परंतु बह जाता है ऐसे में किसानों के लिए समय पर सिंचाई के लिए पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है। वंचित वर्ग में आने वाले ऐसे ही एक आदिवासी परिवार के लिए खेती योग्य भूमि होने के बाद भी पानी का संसाधन ना होना एक बड़ी समस्या थी। ऐसे में मनरेगा के तहत बनी एक डबरी से सिंचाई का साधन उनकी खुशहाली का माध्यम बन गया है।

पहले केवल मानसूनी बारिश पर आधारित धान की खेती करने वाले आदिवासी किसान रामप्यारे के खेतों में हर बार कभी रोपाई में या तो कभी फसल पकने के समय पानी की कमी हो जाती थी। ऐसे में मेहनत करने के बाद भी उन्हें अपनी फसल से कोई लाभ नहीं मिल पाता था। परंतु इस बार सिंचाई की सुविधा पाकर रामप्यारे के परिवार ने समय पर अपने खेतों में रोपाई का कार्य पूरा कर लिया है और उनकी धान की फसल भी लहलहा रही है। इस खुशहाली के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बनी एक डबरी इस किसान परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है।

पहले श्री रामप्यारे का परिवार खेती के लिए हमेशा परेशान रहता था, क्योंकि उनके पास खेत तो थे परंतु सिंचाई का साधन नहीं था। ऐसे में वह परंपरागत धान की फसल भी अच्छे से नहीं ले पाते थे। उनकी इस समस्या का निराकरण हुआ ग्राम सभा की बैठक में, जहां उन्होंने अपने खेतों में महात्मा गांधी नरेगा के तहत एक डबरी बनाए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया।उनके आवेदन के आधार पर ग्राम सभा ने डबरी बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया और ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाते हुए 2 लाख 95 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

ग्राम पंचायत द्वारा गत सितंबर माह से कार्य आरंभ कर इस वर्ष जून में उनके खेतों में एक डबरी का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया। इसमें अकुशल मजदूरी करके इस परिवार को सौ दिवस का रोजगार भी प्राप्त हुआ। डबरी बन जाने के बाद खुश रामप्यारे बताते हैं कि सब्जी लगाकर वह लगभग 20 हजार रुपए की आमदनी ले चुके हैं और फिर कई वर्षों के बाद उनके खेतों में समय पर धान की रोपाई का काम पूरा हुआ है।

इससे धान की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। डबरी में पर्याप्त पानी होने के कारण वह इसमें अगले साल से मछली पालन भी करने वाले हैं। रामप्यारे के अनुसार लगभग तीन एकड़ खेतों में इस बार अच्छी धान की फसल होने से लगभग एक लाख रूपए का सीधा लाभ मिलेगा। मनरेगा से बना एक संसाधन इस परिवार के लिए आजीविका की नई राहें बना रहा है।

इसके लिए रामप्यारे ने जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129