प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज नई दिल्ली में पीएम-विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे

जनता तक खबर/प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज नई दिल्ली में केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रधानमंत्री(पीएम)-विश्वकर्मा की शुरुआत करेंगे। इस नई योजना का उद्देश्य अपने हाथों और सामान्य उपकरणों से काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों को मान्यता देना और उन्हें व्यापक सहायता प्रदान करना है, जिससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता, स्तर व पहुंच में सुधार हो सके और उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत किया जा सके।

‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण के तहत कल यानी 17 सितंबर को लाभार्थियों के बीच व्यापक जागरूकता प्रसारित करने के लिए देश के 70 विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला 17 सितंबर को कर्नाटक के मैंगलोर में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्यपालन विभाग के ऐतिहासिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान श्री परषोत्तम रूपाला एक जनसभा को संबोधित करने के अलावा लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे।

इस अवसर पर कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष श्री यू.टी.खादर फरीद, कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री व दक्षिण कन्नड़ जिला प्रभारी मंत्री श्री दिनेश गुंडू राव, कर्नाटक सरकार के मत्स्यपालन, पत्तन और अंतर्देशीय जल परिवहन मंत्री श्री मंकला एस वैद्य, दक्षिण कन्नड़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद श्री नलिन कुमार कतील और राज्य सभा सदस्य श्री डी. वीरेंद्र हेगड़े भी उपस्थित रहेंगे।

इसके अलावा इस कार्यक्रम के अन्य गणमान्य अतिथियों में मैंगलोर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. भरत शेट्टी वाई, बेलथांगडी के विधायक श्री हरीश पूंजा, बंटवाल के विधायक श्री राजेश नाइक यू, मूडाबिद्रे के विधायक श्री उमानाथ ए. कोटियन, मैंगलोर दक्षिण के विधायक श्री डी. वेदव्यास कामथ, पुत्तूर के विधायक श्री अशोक कुमार राय, सुल्लिया की विधायक कुमारी भागीरथी मुरुल्या, विधान परिषद के सदस्य श्री कोटा श्रीनिवास पुजारी, विधान परिषद के सदस्य श्री बी. एम. फारूक, विधान परिषद के सदस्य श्री के. हरीश कुमार, विधान परिषद सदस्य श्री एस. एल. भोजे गौड़ा, विधान परिषद के सदस्य श्री प्रताप सिम्हा नायक के, विधान परिषद के सदस्य श्री मंजूनाथ भंडारी और मंगलुरु नगर निगम के मेयर श्री सुधीर शेट्टी शामिल हैं।

वहीं, इस कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग और कर्नाटक सरकार के एमएसएमई व एनएफडीबी के वरिष्ठ अधिकारियों की भी भागीदारी रहेगी। यह कार्यक्रम इस मायने में भी विशेष होगा, क्योंकि मैंगलोर स्थित डॉ. टीएमए पाई इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के 600 से अधिक कारीगर और शिल्पकार इसमें हिस्सा लेंगे, जिनमें पारंपरिक नाव निर्माता, मछली पकड़ने के जाल निर्माता, सुनार, बढ़ई, मूर्तिकार, दर्जी, कुम्हार और अन्य वर्चुअल माध्यम के जरिए इसमें शामिल होंगे।

भारत की कला और शिल्प विशिष्ट, प्राचीनता, मूल्यों और दृढ़ विश्वास से समृद्ध हैं। पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार, जिन्हें आम तौर पर ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है, अपनी कलात्मक क्षमता के तहत काम करते हैं। वे पारंपरिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके अपने हाथों से वस्तुएं बनाते हैं। ये ‘विश्वकर्मा’ ही इस देश के निर्माता हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अगस्त, 2023 को पूरे भारत में “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” नाम से एक नई योजना को लागू करने की मंजूरी देकर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक दूरदर्शी निर्णय लिया था।

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 पारंपरिक कारीगरों को शामिल किया गया है। इनमें मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला, दर्जी, धोबी, मालाकार, नाई, पारंपरिक गुड़िया व खिलौना बनाने वाला, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/कॉयर बुनकर, राजमिस्त्री, मोची (चर्मकार/जूताकार/फुटवियर कारीगर), मूर्तिकार (मूर्तिकार/पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, कुम्हार, सुनार, ताला बनाने वाला, हथौड़ा व टूल किट बनाने वाला, लोहार, शस्त्र बनाने वाले, नाव बनाने वाला और बढ़ई हैं। लघु उद्योग और मत्स्यपालन क्षेत्र के विकास में जाल निर्माताओं और नाव निर्माताओं की जरूरी भूमिका है। वे हमारे मत्स्यपालन उद्योग के सुचारू कार्यप्रणाली में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भारतीय समुद्री मत्स्यपालन के प्रमुख आधार के रूप में काम करते हैं।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय है। इस योजना के तहत नियोजित कई कार्यान्वयन गतिविधियों में लाभार्थियों की पहचान व सत्यापन, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के लिए उन्हें एक मंच पर लाना, मूल्य-श्रृंखला में आगे बढ़ने को लेकर सक्षम बनाने के लिए उन्हें ऋण सहायता, विपणन सहायता आदि की सुविधा प्रदान करना शामिल है। भारत सरकार का मत्स्यपालन विभाग अपने क्षेत्र के ‘विश्वकर्माओं’ के कल्याण को लेकर इस योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सक्रिय समर्थन और सहयोग प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

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