बृजमोहन अग्रवाल साहू, कुर्मी, देवांगन, यादव, निषाद समाज के अधिकारों के खिलाफ हैं – कांग्रेस 

दक्षिण के एससी, एसटी, ओबीसी मतदाता बृजमोहन को चुनाव में सबक सिखायेंगे

रायपुर,जनता तक खबर/प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बृजमोहन अग्रवाल से बयान से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ के पिछड़ा वर्ग समुदाय तेली, कुर्मी, देवांगन, यादव, निषाद समाज सहित समस्त पिछड़ा वर्ग के प्रति भाजपाइयों के मन में कितनी नफरत भरी है। भाजपा का सामंतवादी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है।

आरएसएस और भाजपा की असलियत आखिर बृजमोहन की जुबान पर आ ही गया। सच यही है कि भाजपा का चरित्र ही सामाजिक न्याय के खिलाफ रहा है। 76 प्रतिशत आरक्षण का नवीन अधिनियम जिसमें पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। भाजपा के षडयंत्रों के चलते विगत 2 दिसंबर 2022 से आज तक राजभवन में लंबित है।

15 साल रमन राज के दौरान भी स्थानीय आबादी, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आधिकारों को कुचलते रहे। आरक्षित वर्गों के हक़ और अधिकारों के खिलाफ षड्यंत्र रचते रहे। भारतीय जनता पार्टी के नेता बताएं की स्थानीय आबादी को उनकी संख्या के अनुपात में उनका अधिकार क्यों नहीं मिलना चाहिए?

रमन सरकार के कुशासन, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार को छत्तीसगढ़ की जनता ने भोगा है। रमन के कमिशन में 15 साल सहभागी रहे बृजमोहन अग्रवाल को कांग्रेस पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में 3000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद किये गये, जिलों के सरकारी मॉडल स्कूलों को डीएवी को बेचा, भूपेश बघेल सरकार ने तो न केवल उन 3000 स्कूलों को पुनः आरंभ कराया, बल्कि 747 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल भी खोले हैं। रमन सरकार के दौरान 2003 से 2018 तक एक भी पद में नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई थी भूपेश सरकार ने न केवल 1 लाख 47 हजार शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन किया, बल्कि 27 हजार से अधिक पदों पर नियमित शिक्षकों की भर्ती की है। रमन राज में केवल आठवीं तक की शिक्षा निःशुल्क थी

भूपेश सरकार ने बालवाड़ी, आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक शिक्षा निःशुल्क दी है। आने वाली सरकार में अब पोस्ट ग्रेजुएशन तक निःशुल्क शिक्षा मिलेगी। असलियत यही है कि बृजमोहन अग्रवाल और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया समृद्धि से नफरत है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जनता और विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ के किसान यह नहीं भूले हैं कि रमन सरकार के दौरान कृषि उपकरणों की सब्सिडी के लिए काउंटर तय हुआ करते थे, ताकि भ्रष्टाचार किया जा सके। भूपेश सरकार ने तो रमन राज के कमीशनखोरी की उस व्यवस्था को खत्म करके कृषि उपकरणों पर सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में डालने की व्यवस्था की है। किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए बनाए गए बांध और कृषि भूमि का अधिग्रहण करके खुद को आबंटित करने वाले भाजपाई मंत्री को भी छत्तीसगढ़ की जनता अभी भूली नहीं है। पेंड्रावन जलाशय को जीएमआर (अडानी पॉवर) को बेचने का षड्यंत्र, समोदा एनिकट के पानी को बेचने का षडयंत्र, राखड और रोकदा बांध का षड्यंत्र भी सर्वविदित है। रमन राज में केवल 6 वनोपजों की खरीदी होती थी जो भूपेश सरकार में बढ़कर 67 हो गई है। ढाई हजार रुपए में तेंदूपत्ता की खरीदी होती थी, जो अब वायदे के अनुरूप 4000 हो गई है। पूरे देश के वनोपज संग्रहण का 74 प्रतिशत केवल छत्तीसगढ़ में हो रही है तो भाजपाइयों को पीड़ा हो रही है। तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना का केंद्रांश मोदी सरकार ने बंद कर दिया तो भूपेश सरकार ने शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना लागू किया है।

पिछले 5 साल में 60 गुना बढ़ा है। रमन सरकार के दौरान छीनी गयी जल, जंगल, जमीनें भूपेश सरकार ने आदिवासियों को वापस लौटाया है। 14 लाख वनोपज संग्राहकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं तो भाजपा नेताओं को पीड़ा हो रही हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129