Jtk: राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मेलन पुरस्कार से पुरस्कृत कृत खैरागढ़ पाठक मंच के संयोजक डॉ.प्रशांत झा 

खैरागढ़,जनता तक खबर/छत्तीसगढ़ प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के भव्य आयोजन में सम्मेलन की गतिविधियों में सराहनीय भूमिका के लिए डॉ.प्रशांत झा को राज्य स्तरीय सम्मेलन पुरस्कार 2023 से पुरस्कृत डॉ. जुगल एन.रायलु (मुख्य अतिथि), डॉ. राकेश तिवारी श्रीमती आशा शर्मा विशिष्ट अतिथि और श्रीमती संतोष झांझी की अध्यक्षता में लोकायन रायपुर में किया गया ।

इस अवसर पर डॉ.प्रशांत झा ने समारोह में उपस्थित डॉ जीवन यदु, विनयशरण सिंह संकल्प पहटिया, यशपाल जंघेल, नीरज चंदेल को धन्यवाद देते और ललित सुरजन,डॉ. चंदेल को याद करते हुए कहा कि आज मुझे पहली घटना याद आ रही है। पाठक मंच से जुड़ने के बाद पाठक मंच के सदस्यों के साथ डॉ.चंदेल और जीवन जी बैठे थे और उन सभी से कहा कि गाॅंव के लोग शिक्षा की दिशा के अभाव में लोग बिखर रहे हैं और अनुशासनहीन हो रहे हैं।और फिर बातों-बात में उनकी शिक्षा को दिशा देने के ‘चलो गाॅंव की ओर’ की शुरुआत हुई और अपने गाॅंव ईटार ही शुरू किया । बाद में गाॅंवों में ही प्रेमचंद जयंती में उनकी कहानी का पाठ और उस पर चर्चा की शुरुआत हुई।यह शिक्षा और साहित्य के जन जागरण यात्रा अपने दसवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है।

डॉ. प्रशांत झा को बधाई देते हुए डॉ.जीवन यदु ने कहा कि ग्राम वालों से आज भी उनके आत्मीय संबंध बने हुए हैं। उन्होंने लोक समाज के संस्कार और उनकी पीड़ा को एक साथ देखा है। इसीलिए उन्होंने सरकारी डाक्टरी की नौकरी से सेवानिवृत लेकर अपनी साहित्यिक अभिरुचि के कारण वे साहित्य की ओर मुड़ गए और साहित्यिक जन सेवा का व्रत ले लिया । आज “चलो गाॅंव” ओर” और गीत यामिनी को नयी दी। श्री विनयशरण सिंह ने कहा कि आज साहित्य को गाॅंवों की ले जाने की जरूरत को हमारे संयोजक डॉ. प्रशांत झा ने पहले महसूस किया, हमें जोड़कर नया रास्ता दिखाया । श्री संकल्प पहटिया ने कहा कि किस्सा गो के धनी डॉ प्रशांत झा जी हर काम का एक किस्सा की तरह ही है। “चलो गाॅंव की ओर” और प्रेमचंद जयंती में गाॅंवों -चौपालों और स्कूल-कालेज में कथावाचन और चर्चा हर बार नये किस्से की तरह है ,जो हर बार नयी-नयी ऊॅंचाई पर खत्म होता है और इस साहित्यिक जागरण यात्रा में सहयात्री बनना किसी भी रचनाकार को ऊर्जा देता है ।

यशपाल जंघेल ने कहा आजकल लोग गाॅंव से शहरों की ओर भाग रहे हैं, ऐसे समय में साहित्यिक यात्रा को गाॅंव की लौटना एक साहसिक कदम है। नत्थु तोड़े ने कहा कि डॉ प्रशांत झा ने गाॅंवों के लोग को साहित्य के माध्यम से जागरूक और उनकी चेतना से ऊर्जा लेकर पाठक मंच को एक नया रास्ता दिखाया है। नीरज चंदेल ने कहा आधुनिकता के चकाचौंध में गाॅंवों को साहित्य से जोड़ना सहित्य को नवजीवन देना है । नरेंद्र चंदेल ने कहा गाॅंव साहित्य की मौखिक परम्परा की जन्मभूमि रही है लेकिन आज फिर से डाॅ प्रशांत झा का यह कदम वास्तव में पुरस्कृत करने योग्य है ‌।

इस समारोह में राज्य भर से आए साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ खैरागढ़ से निर्मल जैन,अरुण टहगुरिया, श्रीमती पुष्पा जंघेल, श्रीमती तुषारिका चंदेल,वासू चंदेल ,डॉ.दीपशिखा पटेल , श्रीमती तुलसा यदु,ऋद्धिमा झा उपस्थित रहीं।

नगर से केशव सिंह, मिहिर झा , गुलाब चोपड़ा,जीवेन्द्र सिंह के सभी परिचितों का बधाइयों का सिलसिला जारी है सम्मान से पाठक मंच खैरागढ़,प्रगतिशील लेखक संघ खैरागढ़ और पूरे खैरागढ़ में हर्षोल्लास माहौल बन गया है ।

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