संविधान के 5 वीं अनुसूची का उल्लघंन करते हुए,हसदेव के जंगलों की कटाई और आदिवासी, किसानों पर लगातार बर्बरता दुर्भाग्यपूर्ण – प्रियंका शुक्ला

आंदोलनकारियों के साथ हो रही बर्बरता और कार्रवाई बीजेपी को लोकसभा चुनाव में भारी पड़ेगी – प्रियंका शुक्ला, प्रदेश सचिव

दिल्लीःछत्तीसगढ़,जनता तक खबर/30 जनवरी 2024 छत्तीसगढ में हसदेव क्षेत्र में काटे जा रहे जंगलों को लेकर आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। इस प्रेस कांफ्रेंस में आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता व प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने प्रदेश और केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला।

प्रियंका शुक्ला ने बोला कि हसदेव के जंगलों की कटाई और आदिवासी किसानो पर बर्बरता के लिए राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार दोषी है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ की सत्ता में नई सरकार के काबिज होते ही हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के युवा साथी रामलाल करियाम (ग्राम हरिहरपुर), जयनंदन पोर्ते (सरपंच ग्राम घाटबर्रा) और ठाकुर राम सहित अन्य आंदोलनकारी साथियों को पुलिस घर से उठाकर ले गई है और गांव में भारी पुलिस फोर्स को तैनात करके परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी । भाजपा सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई का हम विरोध करते हैं और आदिवासी साथियों पर की गई बर्बरता की कड़ी निन्दा करते हुए हसदेव के जंगल विनाश पर रोक लगाने की मांग करते है।

प्रधानमंत्री एवं छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहें है। जब पत्रकारों ने उनसे हसदेव कटाई पर सवाल पूछा तो उन्होंने आसानी से कह दिया कांग्रेस के सरकार के समय आदेश दिया गया था। जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने आदेश दिया था जिसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर हसदेव कटाई पर रोक लगा दिया और केंद्र सरकार को अनुरोध भी किया था कि इसपर रोक लगाया जाये। अफसोस आज छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और हसदेव का जंगल फिर से उजड़ रहा है। छत्तीसगढ़ महतारी पर प्रहार हो रहे हैं।

प्रियंका शुक्ला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, चुनाव से पहले मोदी जी कहते थे जब तक आपका चौकीदार है, आपके जल जंगल और जमीन कोई हाथ नहीं लगा सकता, सत्ता में आने के बाद सैकड़ों मशीनें लगा कर पेड़ कटाई चल रही है। हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है, जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमता बांगो बांध का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। केंद्र सरकार के ही एक संस्थान “भारतीय वन्य जीव संस्थान” ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव-हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा, जिसे संभालना नामुमकिन जैसा होगा।

प्रियंका शुक्ला ने कहा, जिस जंगल के नाम पर मोदी जी ने आदिवासी समाज का वोट लिया आज उसे बीजेपी खत्म कर रही है। इतना ही नहीं प्रियंका ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 26 जुलाई 2022 को सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए। पूरा क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है और किसी भी ग्रामसभा ने खनन की अनुमति नहीं दी है। परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के लिए खनन वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम और भू-अर्जन कानून – तीनों का उल्लंघन है। जिन जंगलों का विनाश किया जा रहा है, उसके प्रभावित गांव घाटबर्रा गांव को मिले सामुदायिक वन अधिकार पत्र को गैरकानूनी रूप से तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा ही निरस्त किया गया था, जिसका मामला पुनः बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित है साथ हाल में ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) ने भी अखबार की खबर के आधार पर मध्य भारत के इस हसदेव के जंगल के मामले को भी संज्ञान लिया है।

प्रियंका ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 12 वर्षों से लड़ रहे स्थानीय आंदोलनकारियों के साथ हो रही बर्बरता और ग्रामीण किसानो पर अत्त्याचार बीजेपी को लोकसभा चुनाव में भारी पड़ेगी। नव निर्वाचित भाजपा सरकार को जिस विश्वास के साथ इस प्रदेश और खासकर सरगुजा के आदिवासियों ने सत्ता सौंपी है, उनके साथ यह कृत्य विश्वासघात है। यदि हसदेव के जंगलों की कटाई नहीं रोकी गई, तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन शुरू किया जायेगा।

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