भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य

प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहन और वैविध्यपूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
नई दिल्ली, जनता तक खबर/दोनों नेताओं ने 29 अगस्त 2023 को कांग्रेस की अधिसूचना की प्रक्रिया पूर्ण होने और भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू होने का स्वागत किया तथा इस अभूतपूर्व सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव की प्रगति का समर्थन करने के लिए सहयोगात्मक और त्वरित रूप से काम करने की प्रतिबद्धता दोहरायी।
दोनों नेताओं ने अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा अगस्त 2023 में हस्ताक्षरित नवीनतम समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के संपन्न होने की सराहना की। दोनों पक्षों ने अग्रिम रूप से तैनात अमेरिकी नौसेना की संपत्तियों और अन्य विमान और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों नेताओं ने विमानों के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल से संबंधित भारत की क्षमताओं और सुविधाओं में और अधिक निवेश करने के लिए अमेरिकी उद्योग की प्रतिबद्धताओं का भी स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिकी और भारतीय रक्षा क्षेत्रों के नवोन्वेषी कार्यों का उपयोग करने के लिए एक मजबूत सहयोग एजेंडा स्थापित करने के लिए भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्स) टीम की सराहना की। इंडस-एक्स ने पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की भागीदारी से आईआईटी कानपुर में आरंभिक एकेडेमिया स्टार्ट-अप पार्टनरशिप का संचालन किया और अगस्त 2023 में आईआईटी हैदराबाद में यू एस एक्सेलरेटर मैसर्स हैकिंग 4 एलाइज़ (एच4एक्स) के नेतृत्व में एक कार्यशाला के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप के लिए जॉइंट एक्सेलेरेटर कार्यक्रम की शुरुआत की। दोनों पक्षों ने रक्षा उत्कृष्टता के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के नवाचारों और अमेरिकी रक्षा विभाग की रक्षा नवाचार इकाई द्वारा दो जॉइंट चैलेंजिस शुरू करने की घोषणा का भी स्वागत किया, जो साझा रक्षा प्रौद्योगिकी के समाधान विकसित करने के लिए स्टार्ट-अप को आमंत्रित करेंगी।
राष्ट्रपति श्री बाइडेन ने जनरल 31एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोटली पायलटेड एयरक्रॉफ्ट और उनके उपकरणों की खरीद के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय से अनुरोध पत्र जारी होने का स्वागत किया। यह विमान खुफिया, निगरानी और सुरक्षा सभी क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों की टोही (आईएसआर) क्षमताओं को बढ़ाएगा।
हमारे राष्ट्रों की जलवायु, ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के एक आवश्यक संसाधन के रूप में परमाणु ऊर्जा के महत्व को दोहराते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी और राष्ट्रपति श्री बाइडेन ने सहयोगात्मक मोड में अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास सहित परमाणु ऊर्जा में सहयोग में भारत-अमेरिका सहयोग को सुगम बनाने के अवसरों का विस्तार करने के लिए दोनों पक्षों की संबंधित संस्थाओं के बीच गहन परामर्श का स्वागत किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों के समूह में भारत की सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया और इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ संबद्धता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहरायी।
दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्रवाई मंच [आरई-टीएपी] की अगस्त 2023 में आरंभिक बैठक का स्वागत किया। इसके तहत दोनों देश लैब-टू-लैब सहयोग, पायलटिंग और नवीन प्रौद्योगिकियों के परीक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा और सक्षम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए नीति और योजना पर सहयोग, निवेश, इंक्यूबेशन और आउटरीच कार्यक्रमों और नई और उभरती नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा प्रणालियों के उपयोग और उन्हें अपनाने में तेजी लाने के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास में संलग्न होंगे।
परिवहन क्षेत्र की डीकार्बोनाइजिंग के महत्व को दोहराते हुए दोनों नेताओं ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता के विस्तार की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों कोषों के माध्यम से वित्तपोषित भुगतान सुरक्षा तंत्र के लिए साझा समर्थन शामिल है। इससे पीएम ई-बस सेवा कार्यक्रम में शामिल बसों सहित भारत में निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी,जिनमें चार्जिंग से संबंधित बुनियादी सुविधाएं मौजूद होंगी। दोनों देश ई-मोबिलिटी के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में मदद करने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका पूंजी की लागत में कमी लाने और भारत में ग्रीनफील्ड नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं की तैनाती में तेजी लाने के लिए निवेश प्लेटफार्मों के निर्माण को भी आगे बढ़ा रहे हैं। इस दिशा में, भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष और अमेरिकी विकास वित्त निगम ने नवीकरणीय अवसंरचना निवेश कोष की स्थापना के लिए प्रत्येक को 500 मिलियन डॉलर तक प्रदान करने के आशय पत्रों का आदान-प्रदान किया।
दोनों नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच लंबित सातवें और अंतिम विवाद के समाधान की सराहना की। ऐसा जून 2023 में डब्ल्यूटीओ में लंबित छह द्विपक्षीय व्यापार विवादों के अभूतपूर्व समाधान के बाद हुआ है।
दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता के तहत महत्वाकांक्षी “इनोवेशन हैंडशेक” एजेंडा विकसित करने के प्रयासों का स्वागत किया, जिनमें मंदी के समय में दो प्रमुख कार्यक्रम (एक भारत में और एक संयुक्त राज्य अमेरिका में) शामिल होंगे, जिसके अंतर्गत हमारे दोनों पक्ष, दोनों देशों के नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के बीच संबंध बनाने के लिए स्टार्ट-अप, निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी फर्म, कॉर्पोरेट निवेश विभाग और सरकारी अधिकारी एक साथ मिलकर सहयोग करेंगे।
दोनों नेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में हमारे बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और नवंबर 2023 में भारत-अमेरिका कैंसर संवाद के आरंभ होने के प्रति उत्सुकता प्रकट की। यह संवाद कैंसर जीनोमिक्स में ज्ञान बढ़ाने, वंचित शहरी और ग्रामीण समुदायों के लिए कैंसर की देखभाल को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए नए निदान और उपचार विकसित करने पर केंद्रित होगा। दोनों नेताओं ने, दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक, विनियामक और स्वास्थ्य संबंधी सहयोग को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के प्रति अपनी साझा संकल्पबद्धता को रेखांकित करते हुए अक्टूबर 2023 में वाशिंगटन डी.सी. में होने वाले आगामी अमेरिका- भारत स्वास्थ्य संवाद पर भी प्रकाश डाला।
द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव अवशेषों को भारत से वापस ले जाने में सहायता के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग पीओडब्ल्यू/एमआईए अकाउंटिंग एजेंसी और भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण (एएनएसआई) के बीच एक समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का दोनों नेताओं ने स्वागत किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी और राष्ट्रपति श्री बाइडेन ने हमारी सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच उच्च-स्तरीय संबद्धता बनाए रखने तथा उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य के लिए हमारे लोगों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने, वैश्विक कल्याण के लिए कार्य करने तथा मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत में योगदान देने वाली चिरस्थायी भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्वाकांक्षी विजन को साकार करने का संकल्प लिया।