पीएससी में पारदर्शिता के लिए प्रदेश सरकार ने लिया ऐतिहासिक निर्णय

मोदी की गारण्टी‘ के तहत प्रदेश की साय सरकार ने किया अभूतपूर्व फैसला

परीक्षार्थियों ने कहा- सीबीआई जांच से हो जाएगा दूध का दूध, पानी का पानी

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो वादा किया, प्रदेश सरकार त्वरित अमल में लाई‘

कांकेर,जनता तक खबर/09 फरवरी 2024 कहते हैं कि आसमान के बादल कितनी भी कोशिशें कर लें, लेकिन वह सूरज को ज्यादा समय तक छिपाकर नहीं रह सकता। झूठ रूपी तिमिर का सीना चीरकर सत्य का सूर्य पुनः उदीयमान हो जाता है। प्रदेश सरकार ने गत वर्ष पीएससी में हुई अनियमितताओं की जांच, देश की सर्वोच्च अन्वेषण संस्थान सीबीआई से कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

इससे प्रदेश भर के युवकों में खुशी और संतुष्टि के भाव परिलक्षित हो रहे हैं कि परीक्षा में सफलता के लिए उन्होंने जो मेहनत की, अब वह जल्द ही फलीभूत होगी। परीक्षार्थी युवक-युवतियों का कहना है कि सरकार के इस अभूतपूर्व निर्णय से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, क्योंकि इससे उच्च प्रशासनिक सेवा के लिए योग्य अभ्यर्थियों की निराशा दूर होगी और उनके साथ सही मायने में न्याय हो पाएगा।

पीएससी के अभ्यर्थियों को अब मिलेगा न्याय- छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती प्रक्रिया के दौरान विगत परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने की राज्य सरकार की घोषणा मोदी की गारण्टी का हिस्सा है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने पिछले दिनों की थी। इससे प्रदेश भर के युवावर्ग मंश खुशी का माहौल है। भानुप्रतापदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर में बीएससी गणित की छात्रा कु. पूर्णिमा नाग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ‘शासन ने यूपीएससी की तर्ज पर सीजीपीएससी की परीक्षा प्रणाली को लाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, इस पहल का मैं स्वागत करती हूं तथा परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित करती हूं।‘ उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यूपीएससी की तर्ज पर राज्य पीएससी की परीक्षा लिए जाने की भी घोषणा की है जिससे छात्रों को दोनों प्रतियोगी परीक्षा की एक साथ तैयारी करने में मदद भी मिलेगी।

इसी प्रकार बीएससी जीव विज्ञान की छात्रा कु. ज्योति सिन्हा ने कहा कि राज्य शासन जो अभूतपूर्व निर्णय लिया है, इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पुरानी परीक्षा प्रणाली पर लग रहे प्रश्नचिन्ह समाप्त होंगे और परीक्षा को लेकर पारदर्शिता का वातावरण तैयार होगा। पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे पी.जी. के छात्र श्री शंकर कोमरे ने कहा कि शासन के इस निर्णय से युवाओं में बहुत उत्सुकता है। आगामी परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी होती थी, परंतु सीजीपीएससी के वार्षिक कैलेण्डर की घोषणा के बाद साल भर की परीक्षाओं की तस्वीर साफ होगी तथा विद्यार्थी अपनी तैयारियां पर जोर लगा सकेंगे, सीजीपीएससी के पैटन में सुधार से निश्चित ही युवाओं को नई प्रेरणा मिलेगी। श्री कोमरे ने आगे कहा कि पिछली परीक्षा में प्रश्न पत्र अच्छे से जाने के बाद भी सफलता नहीं मिली जिससे वह काफी मायूस हो गए थे। अब जब राज्य सरकार ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है तो इससे एक तरह से उम्मीद जगी है।

छात्र श्री सुनील मरकाम तथा कु. दामिनी कोड़ोपी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गई सरकार ने यूपीएससी की तर्ज पर सीजीपीएससी की परीक्षा प्रणाली लागू करने का निर्णय एक सराहनीय पहल है। इससे अब राज्य के विद्यार्थी राज्य पीएससी व यूपीएससी दोनों की तैयारियां एक साथ कर सकेंगे। वहीं आयु सीमा में पांच साल की छूट में वृद्धि किए जाने से युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई से जांच कराने की सरकार की घोषणा से सभी योग्य युवाओं का सपना पूरा होगा। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया।

पीएससी के परीक्षार्थी श्री सुनील कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवाओं में गत वर्ष हुई अनियमितता होने से वर्षों के मेहनत कर अपना मुकाम हासिल करने वाले परीक्षार्थी हतोत्साहित और मायूस हुए हैं। ऐसे में प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने का प्रदेश शासन का निर्णय बेहद सराहनीय है। वहीं अधिकतम आयु सीमा में छूट की अवधि में वृद्धि और यूपीएससी के पैटर्न में राज्य पीएससी परीक्षा आयोजित करने का फैसला एक पंथ दो काज जैसा ही है। इससे राज्य पीएससी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करना आसान हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की उच्च प्रशासनिक सेवा संस्था राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष-2020 में 175 तथा 2021 में 171 पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन भरकर परीक्षा दी थी, किन्तु इसमें अनियमितता होने का खुलासा हुआ, जिसके चलते प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले प्रदेश भर के युवाओं में निराशा और मायूसी छा गई थी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने युवातुर्क की भावनाओं का सम्मान करते हुए उक्त प्रकरण के विरूद्ध केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से उच्च स्तरीय जांच कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे युवावर्ग भर्ती को लेकर पारदर्शिता और सही मायने में योग्य अभ्यर्थियों के चयन होने को लेकर बेहद आशान्वित है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129